Coral Gem Benefits
अंग्रेजी भाषा में इसे कोरल कहते हैं। यह मंगल का रत्न है। यह समुद्र में वनस्पति के रूप में पाया जाता है। लता के समान होने के कारण प्राचीन काल में इसे लतामणि भी कहते थे। यह समुद्र की गहराई में वनस्पति के रूप में पाया जाता है। समुद्र में मूंगा का निर्माण एक विशेष प्रकार के जन्तुओं द्वारा किया जाता है। इस बात के प्रमाण मिलते हैं कि कई सौ साल पहले ही फ्रांसीसियों ने मूंगा निकालने का काम शुरू कर दिया था। इसके बाद 18वीं शताब्दी में इटली में भी यह व्यापार के रूप में निकाला व बेचा जाने लगा।
वैदिक ज्योतिष के दृष्टिकोण से मूंगा पहनने के 8 बड़े फायदे |
- लाल कोरल रत्न का शायद सबसे अच्छा लाभ इसकी चमत्कारी उपचार परिणाम है मुँहासे, त्वचा रोग आदि जैसी समस्याएं असामान्य रूप से ख़तम हो जाती हैं। इसके अलावा, यह एक सुरक्षात्मक ढाल के रूप में कार्य करता है और घाव और अन्य चोटों से बचाव करता है, और रक्त शुद्धि में भी सुधार होता है।
- मूंगा रत्न का पहला लाभ दुश्मनों और शत्रुओं पर विजय है। चूंकि मंगल ग्रह युद्ध का देवता है, इससे बाधाओं और दुश्मनों पर काबू पाने के लिए आवश्यक हिम्मत मिलती है और व्यक्ति के लिए जीत सुनिश्चित करता है।
- यह मानसिक स्वास्थ्य और सामान्य स्वास्थ्य में भी मदद करता है। अपनी मजबूत प्रकृति के कारण, यह मनोबल को बढ़ावा देने के लिए मन में उदासी दूर करने और इच्छाशक्ति को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। यह आपको ऊर्जा, धृष्टता और अपने भय को जीतने की शक्ति भी देता है।
- मूंगा का एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह लालच, बुरी नज़र और काला जादू से रक्षा करता है।
- अगर किसी व्यक्ति की अपनी जन्मकुंडली में एक मंगल की अवधारणा होती है जिससे व्यक्तिगत संबंधों में असहमति पैदा हो सकती है, मूंगा कोरल रत्न पहने से संबंधों को फिर से मधुर करने में मदद मिलती है। यह केवल जन्म पत्री का पूरी तरह से विश्लेषण करने के बाद किया जाना चाहिए।
- अपनी जन्म कुंडली में मंगल की अपूरिस्थित स्थिति की वजह से अधीरता, भाव, चिड़चिड़ापन और क्रोध जैसे मुद्दों से पीड़ित व्यक्ति लाल कोरल रत्न का प्रयोग करने के बाद उनकी स्थिति में एक महत्वपूर्ण सुधार होता है।
- मूंगा आपके अंदर नेतृत्व क्षमता का विकास करता है और आप जीवन की चुनौतियों से लड़ने में सक्षम बनते हैं।
- जो लोग भारी कर्ज में हैं, वे ऋण की चुकौती में मदद करने के लिए इस मूंगा रत्न पहन सकते हैं।
कितने रत्ती यानि वज़न का पन्ना रत्न धारण करना चाहिए?
मूंगा रत्न 5 से लेकर 9 कैरेट तक का पहना जा सकता है। मूंगा को सोने या तांबे की अंगूठी में डालकर धारण किया जाना चाहिए। क्योंकि सोना और तांबा मंगल ग्रह से संबंधित धातु हैं। मंगलवार का दिन मंगल ग्रह की उपासना के लिए सबसे शुभ माना जाता है इसलिए मूंगा रत्न को मंगलवार के दिन धारण करना चाहिए। इस रत्न को पहनने के बाद यह 9 दिन के अंदर अपना असर दिखाना शुरू कर देता है और इसका प्रभाव 3 साल तक रहता है। इसके बाद मूंगा रत्न का प्रभाव खत्म हो जाता है और इसे बदलने की आवश्यकता होती है। बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए जापानी और इटालियन लाल मूंगा धारण करना चाहिए। हालांकि मूंगा रत्न धारण करने से पहले किसी ज्योतिषाचार्य की सलाह जरूर लें।
ज्योतिषीय विश्लेषण- विभिन्न राशियों पर मूंगा रत्न का प्रभाव
जानें अपनी राशि के अनुसार अपना भाग्य रत्न: रत्न सुझाव
मेष: इस राशि के जातक मूंगा रत्न को धारण कर सकते हैं।
वृषभ: इस राशि के लोगों को मूंगा नहीं पहनना चाहिए।
मिथुन: इस राशि के जातकों को भी कोरल धारण नहीं करना चाहिए।
कर्क: इस राशि के जातक मूंगा रत्न पहन सकते हैं।
सिंह: इस राशि के जातकों को मूंगा रत्न पहनना चाहिए। क्योंकि इनके लिए मंगल ग्रह योग कारक है।
कन्या: इस राशि के जातकों को भी कोरल धारण नहीं करना चाहिए।
तुला: इस राशि के जातकों को मूंगा रत्न नहीं पहनना चाहिए।
वृश्चिक: इस राशि के लोग कुछ विशेष परिस्थितियों में मूंगा पहन सकते हैं।
धनु: इस राशि के वे जातक जो उच्च रक्त चाप की समस्या से पीड़ित हैं, वे लोग ही मूंगा पहन सकते हैं अन्यथा इस रत्न को नहीं पहनें।
मकर: इस राशि के जातकों को मूंगा रत्न नहीं पहनना चाहिए।
कुंभ: इस राशि के जातक विशेष परिस्थितियों में मूंगा रत्न धारण कर सकते हैं।
मीन: इस राशि के जातक भी मूंगा रत्न पहन सकते हैं।
(सूचना: हम सभी पाठकों को यह सुझाव देते हैं कि कोई भी रत्न पहनने से पहले एक बार ज्योतिषी परामर्श अवश्य लें।)